Wednesday 26 July 2023

Poem

 आहिस्ता से पढना मेरे दोस्त, 

 एक वाक्य भी दिल में बैठ गया तो कविता सार्थक हो जायेगी:--- 


 मैं रूठा, 
       तुम भी रूठ गए 
             फिर मनाएगा कौन ? 

 आज दरार है, 
       कल खाई होगी 
             फिर भरेगा कौन ? 

 मैं चुप, 
       तुम भी चुप 
             इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ? 

 छोटी बात को लगा लोगे दिल से, 
       तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ? 

 दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर, 
       सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ? 

 न मैं राजी, 
       न तुम राजी, 
             फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ? 

 डूब जाएगा यादों में दिल कभी, 
       तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ? 

 एक अहम् मेरे, 
       एक तेरे भीतर भी, 
             इस अहम् को फिर हराएगा कौन ? 

 ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ? 
       फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ? 

 मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने आँखें..... 
       तो कल इस बात पर फिर पछतायेगा कौन ?  

 Respect Each Other
                 Ignore Mistakes
                                      Avoid Ego

No comments:

Post a Comment